इब्ने मसऊद -अल्लाह उनसे प्रसन्न हो- कहते हैं कि मैंने अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- को फ़रमाते हुए सुनाः "अल्लाह उस व्यक्ति को शादाब तथा आबाद रखे, जिसने हमसे कुछ सुना और उसे जैसे सुना था, वैसे ही पहुँचा दिया। क्योंकि, कभी-कभार जिसे पहुँचाया जाता है, वह सुनने वाले से अधिक याद रखने वाला तथा समझने वाला होता है।
«من يُرِدِ الله به خيرا يُفَقِّهْهُ في الدين». [متفق عليه.]