अबू रुक़ैया तमीम बिन औस दारी- रज़ियल्लाहु अन्हु- का वर्णन है कि अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः धर्म, शुभचिंतन का नाम है। हमने कहाः किसका? तो फ़रमायाः अल्लाह, उसकी किताब, उसके रसूल, मुसलमानों के मार्गदर्शकों और आम लोगों का।
«ما من مسلم يَغرس غَرسا إلا كان ما أُكل منه له صدقة، وما سُرق منه له صدقة، ولا يَرْزَؤُهُ أحد إلا كان له صدقة». رواه مسلم