मुआविया बिन अबू सुफ़यान- रज़ियल्लाहु अन्हुमा- का वर्णन है कि अल्लाह के रसूल - सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमायाः "कोई वस्तु माँगते हुए हद से ज्यादा आग्रह मत करो, क्योंकि तुममें से कोई व्यक्ति जब मुझसे कोई चीज़ माँगता है और मुझे पसंद न होेने के बावजूद उसका सवाल मुझेस कोई वस्तु निकाल लेता है, तो मेरी दी हुई चीज़ में बरकत नहीं दी जाती।
«إذا مَرِض العَبد أو سافر كُتِب له مثلُ ما كان يعمل مقيمًا صحيحًا». رواه البخاري