अबू क़तादा- रज़ियल्लाहु अन्हु- कहते हैं कि मैंने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को कहते हुए सुना हैः जिसे यह पसंद हो कि अल्लाह उसे क़यामत के दिन की परेशानी से मुक्त कर दे, उसे चाहिए कि किसी अभावग्रस्त व्यक्ति को मोहलत दे या उसका क़र्ज़ माफ़ कर दे।
"«من سَرَّهُ أَن يُنَجِّيَه الله من كَرْبِ يوم القيامة، فَلْيُنَفِّسْ عن مُعْسِر أو يَضَعْ عنه». [صحيح.] - [رواه مسلم.]"