Published on: Wednesday January, 19th 2022

अबू मूसा अशअरी (रज़ियल्लाहु अन्हु) कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः अल्लाह की क़सम, (यदि अल्लाह ने चाहा) मैं जब भी किसी बात की क़सम खाऊँगा, फिर दूसरी बात को क़सम पर कायम रहने से बेहतर देखूँगा, तो बेहतर पर अमल करूँगा और क़सम का कफ़्फ़ारा अदा कर दूँगा।

": «إنّي والله -إنْ شاء الله- لا أَحلف على يمين، فأرى غيرها خيراً منها إلاَّ أَتيتُ الَّذِي هو خير، وتحلَّلْتُهَا». [صحيح.] - [متفق عليه.]"

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