अबू मूसा अशअरी (रज़ियल्लाहु अन्हू) कहते हैं कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) जब किसी क़ौम से भय खाते, तो यह दुआ पढ़तेः “ऐ अल्लाह, हम तुझे उनके मुक़ाबले में पेश करते हैं और उनकी बदमाशियों से तेरी पनाह चाहते हैं।
"عن أبي موسى الأشعري -رضي الله عنه- كَانَ إذا خَافَ قوماً، قالَ: «اللَّهُمَّ إنَّا نَجْعَلُكَ في نُحُورِهِمْ، وَنَعُوذُ بِكَ مِنْ شُرُورِهِمْ». [النسائي، إسناده صحيح.]"