अनस (रज़ियल्लाहु अनहु) से वर्णित है, वह कहते हैं: ऐसा लगता है कि आज भी मैं बनी ग़नम की गली में वह उड़ती हुई धूल देख रहा हूँ, जो जिबरील (सलवातुल्लाहि अलैहि) के क़ाफ़िले से उठी थी, जब वह अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के साथ बनू क़ुरैज़ा की ओर चले थे।
كأنِّي أنظر إلى الغُبار ساطِعًا في زُقَاق بني غَنْم، مَوْكبَ جبريلَ -صلوات الله عليه- حين سار رسولُ الله -صلى الله عليه وسلم- إلى بني قُرَيْظَة». [صحيح.] - [رواه البخاري.]