जाबिर बिन अब्दुल्लाह (रज़ियल्लाहु अनहुमा) कहते हैं कि अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमाया: मुझे इस बात की अनुमति दी गई है कि अर्श को उठाने वाले फ़रिश्तों में से एक फ़रिश्ते के बारे में बताऊँ। दरअसल, उसकी कर्णपाली (कान की लौ) से कंधे तक की दूरी सात सौ साल की मसाफ़त के बराबर है।
أُذِنَ لي أنْ أُحَدِّثَ عن مَلَك مِن ملائكة الله مِن حَمَلَةِ العَرْش، إنَّ ما بين شَحْمةِ أُذُنِه إلى عاتِقِه مَسِيرةُ سبعِمائة عام». [صحيح.] - [رواه أبو داود.]