किसी मुसलमन के लिए हलाल नहीं है कि अपने भाई से तीन दिन से अधिक बात-चीत बंद रखे कि दोनों मिलें, लेकिन यह भी मुँह फेर ले और वह भी मुँह फेर ले। उन दोनों में उत्तम वह है, जो पहले सलाम करे।
قال رسول الله -صلى الله عليه وسلم-: «لا يحل لمسلم أن يهجر أخاه فوق ثلاث ليال، يلتقيان: فيُعرض هذا، ويُعرض هذا، وخيرهما الذي يبدأ بالسلام». [صحيح.] - [متفق عليه.]