हफ़सा बिंत उमर बिन ख़त्ताब (रज़ियल्लाहु अंहुमा) का वर्णन है कि अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः जो व्यक्ति किसी ग़ैब की बात बताने वाले के पास जाकर उससे कुछ पूछे और उसकी कही हुई बात को सच माने, उसकी चालीस दिन की नमाज़ क़बूल नहीं की जाती।
"""من أتَى عرَّافًا فسأله عن شيء، فصدَّقه لم تُقْبَلْ له صلاةٌ أربعينَ يومًا"". [صحيح.] - [رواه مسلم.]"