अबू हुरैरा -रज़ियल्लाहु अन्हु- कहते हैं कि नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमायाः "उसकी क़सम जिसके हाथ में मेरी जान है, लोगों पर एक ऐसा समय आएगा कि क़त्ल करने वाले को पता नहीं होगा कि उसने किस बात पर क़त्ल किया और क़त्ल होने वाले को पता नहीं होगा कि उसे किस बात पर क़त्ल किया गया।
"والذي نفسي بيده ليأتينَّ على الناس زمانٌ لا يدري القاتلُ في أيِّ شيء قَتَل، ولا يدري المقتولُ على أيِّ شيء قُتِل». [صحيح.] - [رواه مسلم.]"