अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहुा अन्हु) से वर्णित है कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया : “दो शब्द रहमान (अल्लाह) को बड़े प्रिय हैं, ज़ुबान पर बड़े हलके हैं और तराज़ू में बड़े भारी होंगे : सुबहानल्लाहि व बिहम्दिहि, सुबहानल्लाहिल अज़ीम (अल्लाह पाक है अपनी प्रशंसा समेत, पाक है अल्लाह जो बड़ा महान है)।”
"كَلِمَتَانِ خفيفتان على اللسان، ثقيلتان في الميزان، حبيبتان إلى الرحمن: سبحان الله وبحمده، سبحان الله العظيم". [صحيح.] - متفق عليه.