सह्ल बिन साद (रज़ियल्लाहु अंहु) नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से रिवायत करते हुए कहते हैंः "दो दुआएँ लौटाई नहीं जातीं या कम ही लौटाई जाती हैं; अज़ान के समय की दुआ और युद्ध के समय की दुआ, जब लोग एक-दूसरे से गुथ जाएँ।
كان النبي صلى الله عليه وسلم إذا عَصَفَت الرِّيح قال: «اللَّهُمَّ إنِّي أسْأَلُك خَيرها وخير ما فيها وخَير ما أُرسِلت به، وأعوذ بك من شرِّها وشرِّ ما فيها وشرِّ ما أُرسِلت به». [صحيح.] - [رواه مسلم.]