अबू मसऊद बदरी (रज़ियल्लाहु अनहु) से रिवायत है कि अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः जिसने सूरा बक़रा की अंतिम दो आयतें रात में पढ़ लीं, वह उनके लिए काफ़ी हैं।
«من قال: سُبحان الله وبِحَمْدِه، غُرِسَتْ له نَخْلة في الجنة». [صحيح] - [رواه الترمذي بزيادة: (العظيم)، وهذا لفظ الطبراني.]