मुआविया बिन अबू सुफ़यान (रज़ियल्लाहु अन्हु) कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः "अल्लाह तआला जिसके साथ भलाई का इरादा करता है, उसे दीन की समझ प्रदान करता है।
«الذي يقرَأُ القرآنَ وهو مَاهِرٌ به مع السَّفَرَةِ الكِرَامِ البَرَرَةِ، والذي يقرَأُ القرآنَ ويَتَتَعْتَعُ فيه وهو عليه شَاقٌ لَهُ أجْرَانِ». [متفق عليه]