अबू उमामा (रज़ियल्लाहु अंहु) कहते हैं कि मैंने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को फ़रमाते हुए सुनाः "क़ुरआन पढ़ो; क्योंकि क़ुरआन क़यामत के दिन अपने पढ़ने वालों के लिए सिफ़ारिशी बनकर आएगा।
« لا تتخذوا قبري عيدا، ولا بيوتكم قبورا، وصلوا علي، فإن تسليمكم يبلغني أين كنتم». [ابن أبي شيبة.]